गलती
गलती तेरी भी ना थी ,
गलती मेरी भी ना थी ,
वो हालात ही कुछ ऐसे थे ,
कुछ कहने को तैयार तुम भी ना थे ,
कुछ कहने के लायक मैं भी नही थी,
रिश्तों की फ़िक्र तुम्हें थी ,
रिश्तें तोड़ने तैयार मैं भी ना थी ,
मैं जानती हूँ मुझे याद करते हो तुम भी ,
और तुम्हे भूल ऐसी मैं भी ना थी ,
हमें तो बस थी अपनों की फ़िक्र ,
बेवफा तुम भी ना थे ,
बेवफा मैं भी ना थी। ......... ........ .....,...... ........ ......... मीनू तरगोत्रा
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